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मंजिलें धीरे-धीरे तुम्हारे करीब आएंगी

मंजिलें धीरे-धीरे तुम्हारे करीब आएंगी सही दिशा में आगे बढ़ते रहो दूरियों को देखकर जो हार जाओगे मंजिलें ख्वाब बनकर रह जाएंगी सफलता की राहों में सिर्फ मात आओगे

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समझो अगर तुम इशारा

 समझो अगर तुम इशारा सब कुछ कह दिया होठ खामोश है ना जाने क्या सोचकर आंखों से सब कुछ बयां कर दिया साफ इजहार करने को तड़पता हूं कोई तो मुझको बेजुबा कर दिया

मैं इजहार करता रहा

 मैं इजहार करता रहा वह घूमाती रही मेरे दिल में उसके के लिए कितना प्यार है आजमाती रही प्यार उसको भी था बस यूं ही इनकार करके सताती रही